क्योंकि मै एक पवित्र नगरी मथुरा धाम से आया हूं। एक बार अपनी जिह्वा को पवित्र करके बोलिए बांके बिहारी लाल की जय। ये जयकारा था सारेगामापा लिटिल चैम्प हेमंत ब्रजवासी का। भइया हम और बाकी प्रतिभागी क्या किसी अपवित्र नगरी से हैं? हेमंत बबुआ क्या हमारे भारत के सारे राज्य और उनके सारे शहर अपवित्र हैं, केवल एक ही पवित्र नगरी बची है मथुरा। मथुरा को क्या वरदान मिला था कि कलियुग में एकमात्र नगरी मथुरा ही बचेगी जो पवित्र होगी। काशी वो नगरी है कहा जाता है जहां मात्र जन्म लेने पर सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। विश्वनाथबाबा के दशर्न से कठोर से कठोर पाप भी धुल जाते हैं। इंदौर वह नगरी है जिसके आस-पास महाकाल- ओंकारेश्वर जैसे पवित्र धाम हैं। कोलकाता, काली मां की पवित्र धरती । हमारे भारत में कौन सा ऐसा शहर है जहां किसी देवी-देवता का पवित्र धाम न हो, किसी भी धर्म का कोई न कोई धार्मिक स्थान जरूर होगा। ऐसे में किसी खास जगह का नाम लेना क्या क्षेत्रवाद को बढ़ावा देना नहीं है? क्या हेमंत बाबू और उनके पिताश्री हमें बताएंगे कि जिह्वा को पवित्र कैसे किया जाता है ताकि हम अपनी इस अपवित्र जिह्वा को पवित्र कर सकें. लगे हाथ पापों से मुक्ति का मार्ग भी बताएं। बहुत से पापियों करा उद्धार हो जाएगा। ऐसे देखा जाए तो अपनी तो कोई नगरी नहीं क्योंकि मेरा जन्म हाथरस में हुआ, मोदीनगर, मेरठ, अमरोहा, रामपुर, मुरादाबाद, लखनऊ, बाराबंकी, इलाहाबद में रही, पली-बढ़ी। शादी के बाद दिल्ली, जम्मू, भोपाल, पानीपत, इंदौर, रही। इंदौर वह नगरी है जहां भगवान गणेश की बहुत मान्यता है। वहां कोई भी कार्य बिना खजराना गणेश मंदिर जाए बिना शुरू नहीं होता। अब आप ही बताएं मैं किस नगरी की हूं ताकि आपकी जिह्वा को मैं भी पवित्र करवाकर बुलवाऊं शाह विलायत शाह की जय, शाहमीना शाह दरगाह की जय, देश को काका, निर्भय, वीरेंद्र तरुण, बोहरा जी जैसे ख्याति प्राप्त कवि देने वाली एक मात्र रस वाली नगरी हाथरस की जय, देवा शरीफ बाबा की जय, खजराना वाले गणपति की जय या गंगा-यमुना-सरस्वती का संगम कराने वाली नगरी इलाहाबाद की जय। शायद मेरा ज्ञान कुछ कम है। बस एक ही बात महत्वपूर्ण है कि हम हिंदुस्तान में रहते हैं। कोना कोई भी हो, है तो हिंदुस्तान ही न?
गुरुवार, 5 नवंबर 2009
क्योंकि मैं एक पवित्र..... बांके बिहारी लाल की जय
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