प्रिय माही भइया,
आपको शादी की बहुत-बहुत मुबारकबाद, क्या धांसू सीक्रेट अंदाज में शादी रचाई, आपके पीछे लगे जासूस टाइप के फन्नेखां पत्रकार देखते रह गए। एक-दो खोजी पत्रकारों ने आप दोनों की शादी की दो-तीन तस्वीरें जरूर जुगाड़ लीं वरना हलवाई, फूल बेचनेवाला और टैक्सीवाला ही आपकी शादी के ब्रांड एम्बेसडर थे।
शादी का वर्ल्ड कप आपने जीत लिया लेकिन अब आपको समझ आ जाएगा कि क्रिकेट खेलने से भी मुश्किल काम और हैं। ब्रेट ली का बाउंसर झेलना आसान है, पत्नी की फिरकी सहना मुश्किल। यकीं न हो तो आप एक बार साक्षी भाभी का जन्मदिन भुलकर देख लेना। अगले दिन एक ही बॉल में इन स्विंग, ऑफ स्विंग, बाउंसर सब झेलने पड़ जाएंगे।
खैर इससे हमें क्या, आप बड़े क्रिकेटर हैं बाउंसर झेलना जानते हैं लेकिन बेचारे पत्रकार वो कहां जाने बाउंसर झेलना। आपने पहले सगाई का बाउंकर फेंका फिर शादी का इन स्विंगर, माइक-कैमरा पकड़े सब बोल्ड हो गए।पत्रकारों से इतनी बेरुखी भी अच्छी नहीं थी। उन्हें तो आर्डर मिला था कि दिखाओ तस्वीरें और आपने अपनी शादी के दौरान रिसार्ट के भीतर तो क्या दरवाजे तक नहीं पहुंचने दिया. इतना घमंड भी अच्छा नहीं।
भइया ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि इस बेरुखी के चक्कर में टीवी पत्रकारों को जैसे-तैसे. कैसे-कैसे अपनी रिर्पोट दिखानी पड़ी और हम दर्शकों को क्या-क्या झेलना पड़ा यकीं न हो तो चंदामामा न्यूज के रिपोर्टर की सुनिए
`अब मैं खड़ा हूं विश्रांति रिसोर्ट के बाहर, हमारे साथ हैं..वो बर्तन साफ करने वाले भाई साहब, जिन्होने धोनी की शादी के बाद बर्तनों को साफ किया।
भाई साहब, किस तरह के पकवान बने थे शादी में ?
छप्पन भोग थे लेकिन मैं चख नहीं पाया, इसलिए स्वाद नहीं बता पाऊंगा।
अब हम बात करते है झाड़ू लगाने वाले से , जिसने उस मंडप पर झाड़ू लगाई, जिस पर धोनी और साक्षी बैठे थे
तो भाई साहब क्या झाड़ू लगाने के बाद कुछ मिला और अब आपको कैसा महसूस हे रहा है ?
जनाब बड़े ही शातिर थे बाराती। न्यौछावर सारी बीन ले गए। गले टूटे-फूलों के अलावा कुछ नही मिला, हां झाड़ू लगाने के बाद मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है क्योंकि कूड़े से भी धांसू-धांसू टाइप की खुशबू आ रही थी। क्षमा कीजिए अचानक कुछ वक्त की कमी है क्योंकि अब हमें रांची चलना है, जहां से खबर है धोनी हवाई जहाज से उतरने वाले हैं।
माही भइया, इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद उम्मीद है आप इस बार किसी कार्यक्रम में पत्रकारों पर बंदिश नहीं लगाएगें वरना......हम दर्शकों को झूठे बर्तन, टूटे फूल और बिखरा फर्नीचर ही दिखाएंगे।
ये थी वह रिपोर्ट...पीयूष जी ने जो बात उठाई वह सच है लेकिन सबकी अपनी प्राइवेसी है जो होनी चाहिए....सेलिब्रिटी का यह मतलब हरगिज नही कि मीडिया वाले सारी प्राइवेसी ही भंग करदें लेकिन ये भी सच है जो जनता इतना प्यार देती है उसको नजरंदाज किया जाए....वो भी अपने चहेते सेलिब्रटी के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहती है। उसकी भी भावनाओं की कद्र होनी चाहिए।
vaah....accha vyngya hai.......thoda marmik bhi..
जवाब देंहटाएंहा..हा..हा..मजेदार. अब तो धोनी पत्रकारों को जरुर बुलाएँगे.
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'पाखी की दुनिया' में 'करमाटांग बीच पर मस्ती...'
mazaa aagaya lekhan shailee dhansoo rahee...........
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
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